गर्मी में भी मुस्कुराएं...

दिन-ब-दिन मौसम की तपन में वृद्धि हो रही है|गर्मी में भी आप कैसे अपना और अपनी त्वचा का ख्याल रख सकते हैं,कैसे सुंदर दिखाई दे सकते हैं इन सब प्रश्नों के उतर आयुर्वेद में हैं|
आयुर्वेद  के अनुसार हमें अपनी जीवन शैली,भोजन और दिनचर्या मौसम के अनुसार रखनी चाहिए|ऐसा करने से वाट,पित्त और कफ सामन्य अवस्था में रहते हैं|और हमारे स्वास्थ्य रहने के लिए इनका संतुलित रहना भी जरूरी है|

गर्मियों  में सभी को निम्न समस्याओं में से गुजरना पड़ता है|इन सब का विस्तार पूर्वक विवरण इस प्रकार है|

पाचनतंत्र:

पित्त की अधिकता के कारण अजीर्ण,अम्लपित्त,पेटदर्द और पाचन संम्बन्धी समस्याएं आम हैं|

उपाय:

पका हुआ बेल खाएं या उसका शर्बत पियें|सोंफ,जीरा,साबुत धनिया,और सुखा पुदीना बराबर मात्र में मिलकर चूरन बनाएँ|दिन में दो बार खाने के बाद १ चम्मच तैयार चूर्ण पानी के साथ लें|कैरी,पुदीना.धनिये की ताज़ी चटनी भी फायदा देगी|इसके इलावा खाने के बाद १ चम्मच लवन भास्कर चूर्ण गुनगुने पानी से साथ में लेने से राहत मिलेगी|

त्वचा:

आयुर्वेद कहता है गर्मी के मौसम में शरीर में पित्त दोष की वृद्धि होती है|इसका असर त्वचा पर पड़ता है|इसलिए दाद,खाज,एग्जिमा,कील,मुहांसे इत्यादि परेशान करने लगते हैं|

उपाय:

सुबह खली पेट ५-६ नीम की ताज़ी पत्तियों का सेवन करें|सुबह-शाम १-१ चम्मच आवंले का चूर्ण भी ले सकते हैं|

डी-हाइड्रेशन:

शरीर में पानी की कमी के कारण बदनदर्द,सिरदर्द व् बुखार से भी दो-चार होना पड़ता है|थकान और कमजोरी का अहसास बरकरार रहता है और रक्तचाप कम होने की सम्भावना बढ़ जाती है|

उपाय:

खूब पानी पियें|समय समय पर नारियल पानी,निम्बू पानी,शरबत.तरबूज,खीरा,ककड़ी का सेवन करें|

बुखार:

इन दिनों भोजन में बेक्टीरिया आसानी से घर कर लेते हैं और उसे जल्द ही खराब क्र देते हैं|दूषित जल या भोजन का सेवन हैजा,टाईफाईड,पीलिया और आँतों में सूजन या संकमण आदि रोग देता है|

उपाय:

रोज सुबह खाली पेट एलोवीरा का ताज़ा गुदा या १ लहसुन की कली खाएं|दिन में दो बार भिजन के बाद पानी के साथ १/२चम्म्च निम् की पत्तियों के चूर्ण या १ चम्मच प्याज व पुदीने के रस का सेवन करें|

सर्द गर्म:

कभी कूलर कभी ए सी तो कभी धुप में बाहर निकलना आम स्थिति है|ठन्डे से एकदम गर्म वातावरण में निकलना सेहत की प्रभावित करता है|भुर ठंडा पानी पिने के कारण गला खराब हो जाना भी कोई नई बात नहीं|

उपाय:

गले के विकार दूर करने के लिए दिन में दो तीन बार शहद के साथ १/२ चम्मच मुलेठी के चूरन तुलसी के पत्ते या अदरक के रस का सेवन करें|मेथी उबालकर मेथी के पानी से गरारा करने से भी आराम मिलेगा|

लू:

अधिक देर तक धुप के संपर्क में रहना भी आपको नुक्सान पहुंचा सकता है|

उपाय:

लू  से बचने के लिए गुलाब,चन्दन व खस के शरबत सेवन करें|धुप में निकलने से पहले लू के कहर से बचने के लिए अपनी सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करें|चाय,कोफ़ी आदि गर्म तासीर की चीज़ों से बचें|मिर्च मसालेदार और तला हुआ भोजन न करें|

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